इन रेखाओं का है ग्रहों से खास संबंध, जानिये कैसे बदलतीं हैं आपकी किस्मत

इन रेखाओं का है ग्रहों से खास संबंध, जानिये कैसे बदलतीं हैं आपकी किस्मत

यूं तो व्यक्ति के शरीर में कई चिह्न होते हैं, लेकिन ज्योतिष में सबसे ज्यादा महत्व हाथ की रेखाओं के अलावा मणिबंध की रेखाएं, पैर के नीचे की रेखाओं व माथे की रेखाओं का होता है।

सामान्यत: हस्त रेखाओं के बारे में आपने कई बार पढ़ा सुना या जाना भी होगा, ऐसे में आज हम आपको उन रेखाओं के बारे में बताते हैं जो सबसे पहले और सबसे सटीक तरीके से आपके भविष्य के बारे में बतातीं हैं। और वह भी ऐसे की यदि कोई जानकार व्यक्ति आपके सामने आ कर खड़ा हो जाए तो वह आपके बारे में बिना कुछ पूछे व जाने ही आपके आने वाले समय के बारे में बहुत कुछ बता सकता है।

दरअसल हम जिन रेखाओं की बात कर रहे हैं वे आपके हाथ या पैर की न होकर आपके मस्तक की रेखाएं होती हैं। माना जाता है कि माथे पर बनी किस्मत की रेखाओं के अनुसार ही व्यक्ति का जीवन चलता है। इन रेखाओं के अनुसार ही किस्मत बनती और बिगड़ती है। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि माथे पर बनी हर रेखा का एक गृह से संबंध है।

माथे पर बनने वाली सबसे ऊपर की रेखा को शनि रेखा कहा जाता है अर्थात यह शनि ग्रह की स्थिति और उसके प्रभाव को दर्शाती है। वहीं इसके ठीक नीचे वाली यानि दूसरे नंबर वाली रेखा गुरु रेखा कहलाती है। बृहस्पति से इसका सीधा संबंध है। इसके बाद क्रमशः मंगल रेखा, बुध रेखा, शुक्र रेखा, सूर्य रेखा और चंद्र रेखा आती हैं।

शनि रेखा: किस्मत बदलने की है इसमे क्षमता (Saturn line on forehead)


माथे पर स्थित सबसे ऊपर वाली शनि रेखा में बहुत शक्ति होती है। ज्योतिष के अनुसार इसी कारण इसे सबसे ऊपर का स्थान मिला है। समुद्र लक्षण विज्ञान में इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। शनि रेखा अधिक लंबी नहीं होती है। केवल माथे के बीच में ही दिखाई देती है। समुद्र लक्षण विज्ञान कहता है कि इस रेखा के आसपास का हिस्सा शनि देव और शनि ग्रह से प्रभावित होता है।

मान्यता है कि जिस व्यक्ति के माथे पर यह रेखा साफ दिखाई देती है, वह गंभीर स्वभाव का होता है। वहीं, जिन लोगों का माथा थोड़ा उठा होता है और शनि रेखा स्पष्ट दिखाई देती है, वे अहंकारी होते हैं। ऐसे लोगों का स्वभाव रहस्यमयी भी होता है। इनके बारे में दूसरे को ज्यादा जानकारी नहीं होती है। ऐसे लोग जादूगर और तांत्रिक भी बनते हैं। जिन लोगों पर शनि देव प्रसन्न होते हैं, उनके लिए अच्छा वक्त शुरू हो जाता है। ज्योतिषियों की सलाह पर ऐसे लोगों को शनि देव की आराधना करनी चाहिए।

माथे की लकीरें : बताती हैं आपकी उम्र
शरीर लक्षण विज्ञान के अनुसार माथे की रेखाओं को देखकर किसी भी व्यक्ति की उम्र का अनुमान लगाया जा सकता है। मस्तक पर दो पूर्ण रेखाएं हो तो व्यक्ति की उम्र लगभग 60 वर्ष होती है। वहीं सामान्य मस्तक पर तीन शुभ रेखाएं हो, तो व्यक्ति करीब 75 वर्ष की आयु प्राप्त करता है। वहीं यदि मस्तक श्रेष्ठ हो तो जातक की उम्र और भी अधिक होती है। इसके साथ ही यदि निम्न ललाट पर भी शुभ गुणों से युक्त चार रेखाएं हों, तो जातक की आयु लगभग 75 वर्ष होती है।

कौन होता है मध्यम आयु और अल्पआयु
सामान्य मस्तक पर पांच उत्तम रेखाएं हों तो ऐसे जातक सौ वर्ष तक सुख भोगते हैं। वहीं माना जाता है कि यदि उन्नत मस्तक पर पांच से अधिक रेखाएं हों तो जातक की आयु मध्यम और यदि मस्तक निम्न श्रेणी का हो तो जातक अल्पायु होता है। मस्तक की किन्हीं दो रेखाओं के किनारे आपस में एक-दूसरे का स्पर्श करते हैं तो ऐसे जातक की आयु करीब 60 वर्ष होती है। मस्तक पर यदि कोई रेखा न हो तो व्यक्ति 25 से 40 वर्ष की आयु में पीड़ा पाता है।

Ravikant Duklan (MA. MassCom )

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *