चीन की कंपनियों के लिए मुसीबत, सरकारी टेंडर में भाग लेना नहीं रहा आसान
नई दिल्ली। लद्दाख बॉर्डर पर भारत के साथ उलझकर चीन ने जो गलती की है उसका खामियाजा उसकी कंपनियों को भुगतना पड़ रहा है। अब सरकार ने चीन की कंपनियों के लिए ऐसे नियम बना दिए हैं जिसके बाद उनके लिए देश में कोई भी सरकारी टेंडर आसानी से मिल पाना संभव नहीं होगा। गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जनरल फाइनेंशियल नियम 2017 में बदलाव किया है।
इस बदलाव के बाद अब हर उस देश की कंपनी को भारत में किसी सरकारी टेंडर में बिड करने की अनुमति तभी मिलेगी जब कंपनी के पास गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से राजनीतिक और सुरक्षा क्लीयरेंस मिल चुका होगा। यह आदेश सिर्फ चीनी कंपनियों के लिए नहीं है बल्कि हर उस देश की कंपनी के लिए है जिसकी सीमा भारत के साथ लगती है। लेकिन जानकार मान रहे हैं कि मुख्य तौर पर चीन को ध्यान में रखते हुए ही यह नियम बदला गया है।
चीन की कंपनियों के लिए भारत में लगातार मुश्किल बढ़ती जा रही है। कई चीनी कंपनियों के कॉन्ट्रेक्ट रद्द किए जा चुके हैं। सरकार ने सबसे पहले शुरुआत चीन की 59 मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध के साथ की है। इसके अलावा चीनी की कंपनी हुआवे को भी 5जी ट्रायल से बाहर कर दिया गया है।
पिछले महीने चीनी सैनिकों ने लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सीमा के अंदर घुसने का प्रयास किया लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया। सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों शहीद हुए लेकिन निहत्थे लड़ने के बावजूद भारतीय सैनिकों ने चीन के 43 सैनिकों को मौत के घाट उतारा था। चीन की इस गुस्ताखी का खामियाजा अब भारत में काम कर रही चीन की कंपनियों को भुगतना पड़ रहा है।