बैंक में नहीं लगी नौकरी तो खोल लिया फर्जी बैंक, लॉकर से लेकर चैकबुक तक नकली
तमिलनाडु में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां भारतीय स्टेट बैंक की एक फर्जी शाखा का भंडाफोड़ हुआ है। इस फर्जी ब्रांच में लॉकर से लेकर चैकबुक तक की सुविधा दी गई थी। यहां तक कि बैंक का रंगरोगन भी हूबहू असली बैंक जैसा था। पुलिस ने इस मामले में एक पूर्व बैेंक कर्मचारी के 19 साल के बेटे सहित 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि पुलिस को इस मामले में किसी भी आर्थिक नुकसान की खबर नहीं है। लेकिन इस कारनामे के बारे में सुनकर हर कोई हैरान दिखाई दे रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तमिलनाडु के कडलोर जिले के पनरुत्ती में स्टेट बैंक की दो शाखाएं थीं। तभी एक ब्रांच मैनेजर को तीसरी शाखा का पता चला। जब स्टेट बैंक की असली ब्रांच के मैनेजर वहां पहुंचे को सेटअप देखकर हैरान रह गए क्योंकि यह पूरी तरह स्टेट बैंक की तरह ही बनाई गई थी। एसबीआई के पूर्व कर्मचारी के बेटे कमल बाबू ने फर्जी बैंक में कंप्यूटर, लॉकर, फर्जी कागज और अन्य चीजें रखकर इसे एकदम बैंक जैसा बनाया था। अब पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार करके अब इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 473, 469, 484 और 109 के तहत केस दर्ज किया है।
ऐसे खुला राज़
बताया जा रहा है कि एसबीआई के एक ग्राहक ने इस ब्रांच के बारे में नॉर्थ बाजार ब्रांच में पूछताछ की। एक ग्राहक ने इस फर्जी ब्रांच में मिली पर्ची नॉर्थ बाजार ब्रांच के मैनेजर को दिखाई तो उनका दिमाग सन्न रह गया। जब वे फर्जी ब्रांच पहुंचे तो हैरान रह गए क्योंकि इस फर्जी बैंक में भी सबकुछ असली जैसा था।
नौकरी नहीं मिली तो खोला बैंक
कमल के पिता बैंक के कर्मचारी थी। लगातार बैंक आने-जाने के कारण कमल को बैंक के कामकाज के बारे में काफी हद तक जानकारी थी। कुछ साल पहले ही उसके पिता की मौत हुई और मां रिटायर हुईं। पिता की मौत के बाद उसने नौकरी के लिए अप्लाई किया। नौकरी मिलने में देरी हुई तो उसने अपनी ही ब्रांच खोल ली।
अभी तक नहीं मिला था कोई ग्राहक
आरोपियों ने तीन महीने पहले ही SBI की फर्जी बैंक शाखा खोली थी। राहत की बात यह है कि अभी तक इसमें नए खाते नहीं खुल पाए थे। इससे पैसों का लेनदेन नहीं हो सका है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है। नकली SBI शाखा तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के पन्रुति में खोली गई थी। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 473, 469, 484 और 109 के तहत मामला दर्ज किया गया है।