राज्यसभा सांसद अमर सिंह का सिंगापुर में निधन, लंबे समय से थे बीमार
नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद अमर सिंह का निधन हो गया है। बता दें कि अमर सिंह का पिछले 6 महीने से सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। अमर सिंह का हाल के दिनों में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह कई दिनों से बीमार चल रहे थे। बताया जा रहा है कि पिछले डेढ़ महीने से अमर सिंह आईसीयू में भर्ती थे।अमर सिंह का दूसरा किडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा था लेकिन आज पेट में इंफेक्शन फैलने से तबीयत बिगड़ी थी। अमर सिंह का पार्थिव शरीर परिजनों को सौंप दिया गया है जो दिल्ली लाया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वरिष्ठ नेता और सांसद अमर सिंह के निधन से दुख व्यक्त किया है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में अमर सिंह का खास योगदान रहा है। अमर सिंह 2010 से समाजवादी पार्टी से निकल गए थे। अमर सिंह 1995 में मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आए और कुछ ही समय में दोनों एक-दूसरे के बेदह करीब आ गए। अमर सिंह के बच्चन परिवार से काफी गहरे रिश्ते थे। कुछ दिन पहले ही अमर सिंह ने ट्विटर पर “टाइगर जिंदा है” शीर्षक से एक वीडियो साझा किया था।
Tiger Zinda Hai!! pic.twitter.com/YWm3Sb0Yuw
— Amar Singh (@AmarSinghTweets) March 2, 2020
अपने अंतिम ट्वीट में दिवंगत अमर सिंह ने स्वतंत्रता सैनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को श्रद्धांजलि दी थी और देश के लिए उनके योगदान को याद किया था। अमिर सिंह की मृत्यु का समाचार आने से लगभग 2 घंटे पहले ही उनके एकाउंट से लोकमान्य बालगंगाधर तिलक के बारे में ट्वीट किया था।
Tribute to the great revolutionary freedom fighter Lokmanya #BalGangadharTilak ji on his death anniversary.
His contribution will be remembered forever🙏🙏 pic.twitter.com/tEdchlp1hz— Amar Singh (@AmarSinghTweets) August 1, 2020
दिवंगत सपा के पूर्व नेता अमर सिंह ने हाल के दिनों में वीडियो जारी करके ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर बयान भी दिया था। अमर सिंह ने कहा था कि सिंधिया ने अपने आत्मसम्मान के लिए कांग्रेस छोड़कर अपनी दादी विजयाराजे और पिता माधवराव के मार्ग का अनुसरण किया है। इससे पहले अमर सिंह ने वीडियो जारी कर अमिताभ बच्चन से माफी मांगी थी।
उल्लेखनीय है कि अमर सिंह कभी समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते थे, लेकिन कुछ आपसी मतभेद के कारण साल 2010 में उन्होंने अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोक मंच का गठन किया। इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 403 सीटों में से 360 पर प्रत्याशी उतारे लेकिन वह एक भी सीट जीतने में नाकामयाब रहे। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल से लोकसभा का भी चुनाव लड़ा था, यहां भी उन्हें जीत नहीं मिली थी।