कैलाश खेर ने भी म्यूजिक माफिया का मुद्दा उठाया, बोले- म्यूजिक कंपनियां एग्रीमेंट करके कई साल बर्बाद कर देती हैं

प्रसिद्ध गायक और कंपोजर कैलाश खेर आज (मंगलवार, 7 जुलाई) को 47 साल के हो गए। इस मौके पर उन्होंने दैनिक भास्कर के साथ खास बातचीत करते हुए अपने जीवन संघर्ष से जुड़ीकई खास बातें शेयर कीं। इस दौरान उन्होंने म्यूजिक माफिया का मुद्दा उठाते हुए, उन पर एग्रीमेंट के जरिएनए कलाकारों के कई साल बर्बाद करने का आरोप भी लगाया। कैलाश ने बताया कि मैं तो अपना एल्बम बनाने के लिए मुंबई आया था।

उन्होंने कहा, ‘मैं गाने लिखता हूं, बनाता हूं और धुन भी खुद बनाता हूं। लेकिन इन सभी चीजों को एक साथ किस तरह से लाया जाए वो मुझे नहीं आता था और इसी कारण मैं मुंबई आया था। मेरे पास सारी चीजें थीं, लेकिन इन सभी को एक साथ लाकर किस तरह से एक बेहतरीन गाना बनाया जाए उसकी खोज में मैं मुंबई आया था।’

मैं अलग तरह का म्यूजिक बनाने आया था

कैलाश ने कहा, ‘लोगों को लगता है कि अगर कोई किसी दूसरे शहर या गांव से आया है तो वह फिल्मों में गाना गाने के लिए आया होगा या उसके लिए म्यूजिक बनाने के लिए आया होगा लेकिन मैं यहां पर एक अलग तरह का गाना और एक अलग तरह का म्यूजिक बनाने आया था, जो फिल्मों का संगीत नहीं होता।’

‘अगर हम भारतीय संगीत की बात करें तो वह काफी तरह का है। उसमें एक फिल्मी संगीत भी है लेकिन फिल्मी संगीत ही केवल सारा भारतीय संगीत नहीं होता, यही बताना मेरा मिशन था। जो मेरे गाने ‘तेरी दीवानी’ से शुरू हुआ। अगर ‘अल्लाह के बंदे’ की बात करें तो वह गाना ईश्वर को इतना पसंद आया कि हर किसी ने उसे बहुत प्यार दिया और मेरा नाम हो गया।’

4 साल बाद पूरा हुआ कैलाश का सपना

उन्होंने कहा, ‘मैं जिस एल्बम को बनाने के लिए मुंबई आया था, मेरे फेमस होने पर मेरी वह एल्बम भी बनी। लेकिन उसके लिए 4 साल लग गए। मेरे 15 साल के करियर में मैंने पंद्रह सौ गाने गाए हैं जिनमें तकरीबन ढाई सौ के करीब नॉन फिल्मी गाने हैं जिन्हें लोगों ने बहुत प्यार दिया है।

‘जब मैं प्रसिद्ध हो गया, तब मुझे एक म्यूजिक कंपनी से कॉल आया कि हम आपका एल्बम बनाने के लिए तैयार हैं। अगर किसी शख्स को यह समझना हो कि वह कामयाब हो रहा है तो इसका संकेत तब मिलता है जब बिजनेस करने वाले लोग खुद आपके साथ काम करना चाहें और आपको कॉल कर बुलाने लगें।’

करियर की शुरुआत में आई बहुत दिक्कतें

आगे कैलाश ने करियर के दौरान आने वाली दिक्कतों के बारे में बताते हुए कहा, ‘करियर की शुरुआत में आप सबसे पहले एग्रीमेंट में फंसते हैं। म्यूजिक इंडस्ट्री के एजेंट जिन्हें सेलिब्रिटी मैनेजर के नाम से भी जाना जाता है, वे हर आर्टिस्ट से यह वादा करते हैं कि वे उन्हें ब्रेक दिलाएंगे, उन्हें गाने का मौका दिलाएंगे। और जब आप किसी नए शहर में आते हैं, तो आपके पास उन लोगों पर भरोसा करने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं बचता, और आपके 4-5 साल इसी तरह बर्बाद हो जाते हैं।

कैलाश ने बताया ‘जब मैं 22-23 साल का था, तब दिल्ली में अपना बिजनेस करता था। उस उम्र में आपकी इच्छाएं ज्यादा होती हैं और आप लोगों से भी ज्यादा उम्मीद रखते हैं। लेकिन उसी दौरान इमोशनल लेवल पर मैं काफी डिस्टर्ब हो गया जिसके बाद मैं अपनी एल्बम बनाने के लिए मुंबई आ गया। हालांकि यहां का स्ट्रगल मुझे कम लगा, क्योंकि उससे ज्यादा तो मैं अपने निजी जीवन में झेल चुका था।’

जीवन में आई नकारात्मकता के बारे में बताते हुए कैलाश ने कहा, ‘उस वक्त मेरे मन में एक ख्याल रहता था कि अगर मैं यहां पर भी कामयाब नहीं हुआ तो समंदर में कूद कर अपनी जान दे दूंगा। इससे पहले भी एक बार मैंने गंगा नदी में कूद कर जान देने की योजना बनाई थी, लेकिन जब वहां पहुंचा, तो पता नहीं मुझे क्या ख्याल आया और मैं लौट आया था।’

‘मेरे मन में ये ख्याल भी आता था कि अगर मैंने अपनी जान दे दी तो मैं अपने माता-पिता, अपने परिवार को कैसे साबित कर पाऊंगा कि आप अपनी विफलता के बाद भी अपनी मेहनत से सफलता हासिल कर सकते हैं। शायद यही कारण है कि आज मैं यहां तक पहुंच पाया हूं। इस बार मैं 5 नये सिंगरों को मौका दे रहा हूं। और इस बार ये शो वूट पर आने वाला है और इसे राजू श्रीवास्तव होस्ट करने वाले हैं।’

इस तरह हुई ‘नई उड़ान’ की शुरुआत

आगे उन्होंने कहा, ‘जब मैं कुछ संभला तो मैंने एक प्रतिज्ञा ली कि अब से मैं अपने जन्मदिन पर कुछ नए कलाकारों को मौका दूंगा ताकि उन्हें मेरी तरह या मेरे जैसे अनेकोंकलाकारों की तरह ज्यादा स्ट्रगल नहीं करना पड़े। जिसके बादमैंने ‘नई उड़ान’ शुरू किया, जिसमें मैं अपने हर जन्मदिन पर कुछ नए कलाकारों को अवसर देता हूं, उन्हें मौका देता हूं लोगों के सामने अपने गाने प्रस्तुत करने का और पिछले 4 सालों से यही चलता आ रहा है।’

‘मुंबई आने से पहले तक मैंने कभी अपना जन्मदिन नहीं मनाया था। यहां आने के बाद शुरुआत में कुछ दोस्तों ने जन्मदिन मनाना शुरू किया, जो कि मुझे पसंद नहीं आया, क्योंकि मुझे लगता था कोई मुझे गाइड कर रहा है और मैं एक बेवकूफ की तरह किए जा रहा हूं।’

‘कुछ समय बाद मैंने प्रण ले लिया कि अब मैं अपना जन्मदिन केक काटकर नहीं बनाऊंगा बल्कि नए कलाकारों को मौका देकर उनकी कामयाबी का रास्ता आसान बनाने में उनकी सहायता करते हुए उन्हें आगे बढ़ने का मौका दूंगा ताकि उन्हें ज्यादा स्ट्रगल और कॉन्टेक्ट बाजी में फंसना ना पड़े।’

म्यूजिक कंपनियां बहुत परेशान करती हैं

स्ट्रगल के बारे में बताते हुए कैलाश ने कहा, ‘कई बार ऐसा हुआ है कि हम कई म्यूजिक कंपनियों के पास गए और रिजेक्शन झेलना पड़ा। मैं एक कंपनी का नाम तो नहीं लूंगा लेकिन बताना चाहूंगा कि जब हम अपने गानों के साथ उस कंपनी में गए तो साफ-साफ कोई भी चीज नहीं बताई जाती थी। काफी देर इंतजार कराया जाता था, लेकिन हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर रिजेक्ट कर दिया जाता था।’

एग्रीमेंट करके कई साल बर्बाद कर देती हैं

‘म्यूजिक कंपनियां आपके कई साल एग्रीमेंट में बांधकर बर्बाद कर देती हैं और आपको काम ही नहीं देतीं। यदि आप खुद से कहीं परफॉर्म करने जाते हैं या काम करते हैं, तो वही कंपनियां उन्हें नोटिस भेजती हैं कि जिस सिंगर से आप गवाना चाहते हैं, वह हमारे कंपनी के सिंगर हैं आप हमारी इजाजत के बिना उनसे काम नहीं करवा सकते और ना ही कोई कॉन्ट्रैक्ट कर सकते हैं और यही कारण है कि मैंने ‘नई उड़ान’ की शुरुआत की। ताकि नए सिंगर्स को मौका मिले और वो आर्टिस्ट मैनेजर और एग्रीमेंट में ना फंसे।’

from Dainik Bhaskar.

Ravikant Duklan (MA. MassCom )

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