नए साल में मिलिये कोटद्वार के चाँद से
एनसीपी न्यूज़। कौन कहता है आसमान में छेद नहीं हो सकता बस तबीयत से एक पत्थर उछाल के तो देखिए किसी मशहूर शायर की यह पंक्तियां बिल्कुल सटीक बैठती हैं कोटद्वार के चाँद मौला बक्श पर। जहां एक और हम आजादी का अमृत महोत्सव मना कर तमाम उन लोगों को याद कर रहे हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। वही दूसरी ओर हमें नए साल 2022 में ऐसे लोगों को भी जानना जरूरी है जो चुपचाप खामोशी से देश व अपने राज्य में समाज सेवा तो कर ही रहे हैं, बल्कि विदेशों में देश का नाम गर्व से ऊंचा करवाने में पीछे नहीं है।
एनसीपी न्यूज़ आपको मिला रहा है ऐसे व्यक्तित्व से जो अपनी दरियादिली के लिए न केवल कोटद्वार, बल्कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व विदेशों में जाने जाते हैं। सरल ,सौम्या और विनम्रता के प्रतीक चाँद मौला बक्श संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के व्यवसायी हैं। लेकिन हृदय से वह समाजसेवी व संस्कृतसेवी हैं ।
उत्तराखंड राज्य के छोटे से कस्बे कोटद्वार के रहने वाले चाँद मौला बक्श का जीवन संघर्षमयी रहा है। एनसीपी न्यूज़ से बातचीत में वे बताते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत न होने के कारण उनको शिक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ा। कॉन्वेंट से शिक्षा पूर्ण करने के बाद उन्होंने अपने पैतृक कार्य ड्राई क्लीन के कार्य में महारत हासिल की और इसी की बदौलत वह इसी कारोबार में वर्तमान में सफल व्यवसाय साबित हुए हैं। वर्तमान में वह यूएई के सफल व्यवसाई हैं। अक्सर समाज में यह देखने को मिलता है कि जब कोई व्यक्ति ऊंचाई पर पहुंच जाता है तो वह कहीं ना कहीं अपनी जड़ों से दूर हो जाता है, लेकिन चांद खा ने न सिर्फ दूर रहकर जड़ों को सवारने, सजाने का कार्य किया। बल्कि कौथिग जैसे कार्यक्रमों को विदेशों में आयोजित कर अपने राज्य उत्तराखंड की संस्कृति को विदेशों में प्रचारित, प्रसारित करने का कार्य किया।
चाँद मौला बक्श के सामाजिक कार्य।
उत्तराखंड एसोसिएशन ऑफ संयुक्त अरब अमीरात के चाँद मौला बक्श बताते हैं की उन्होंने इस एसोसिएशन के माध्यम से रोजगार की तलाश में विदेश आने वाले भारत के प्रत्येक राज्य के बेरोजगारों की पूर्ण रूप से मदद की है। बताते हैं कि युवा रोजगार की तलाश में विदेश तो आ जाते हैं, लेकिन उन्हें एकदम रोजगार नहीं मिल पाता इसलिए जब तक उनको रोजगार नहीं मिलता तब तक उनका एसोसिएशन युवाओं की रहने वह खाने की पूर्ण व्यवस्था करता है। इतना ही नहीं एसोसिएशन द्वारा जब विदेशों में किसी भारतीय की मृत्यु हो जाती है और उसके रिश्तेदार इतने सक्षम नहीं होते कि उसका शव वापस भिजवाया जाए तो इसके लिए भी एसोसिएशन पूरी मदद अपनी ओर से करती है।
उत्तराखंड की लोक परंपरा कौथिग को बढ़ावा
चाँद मौला बक्श बताते हैं उत्तराखंड एसोसिएशन ऑफ संयुक्त अरब अमीरात की सबसे खूबसूरत सोच है विदेशों में कौथिग आयोजित करना। वह बताते हैं जब हम विदेशों में रहते हैं तो अक्सर हम अपने गांव के मेलो को याद करते हैं, इसी कमी को पूरा करने के लिए एसोसिएशन द्वारा विदेशों में जिनमें यूएई, कतर, ओमान, बहरीन व कुवैत शामिल है में कौथिग मेले का आयोजन किया जाता है। इन मेलों में उत्तराखंड के सभी प्रसिद्ध कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है जिनका समस्त खर्चा एसोसिएशन द्वारा वहन किया जाता है। वह बताते हैं कि जब उन्होंने यूएई में इसका पहला आयोजन किया तो इसको अपार सफलता मिली, इसी को देखते हुए अन्य देशों में भी एसोसिएशन द्वारा कौथिग मेले का आयोजन किया गया।
कोविड काल में सहायता
चाँद मौला बक्श बताते हैं कि कोविड काल में उन्होंने एसोसिएशन के माध्यम से उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के जरूरतमंदों को मदद मुहैया कराई। जिनमें उत्तराखंड के रामनगर, कोटद्वार, सतपुली, पाखरो, ताड़केश्वर, चुंडई व उत्तर प्रदेश के श्यामपुर, लडोरा आदि शामिल है।
राजनीति नहीं समाज सेवा में रुचि।
एनसीपी न्यूज़ ने जब उनसे राजनीति के ऊपर सवाल किया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि उनकी राजनीति में नहीं समाज सेवा में रुचि है जिसको वह सदैव करते रहेंगे।
एनसीपी न्यूज़ इस साक्षात्कार के लिए पीआरओ जिप्सा कोटनाला जी का विशेष आभार व्यक्त करता है।