लैंसडौन बनेगा रोजगार की ‘संजीवनी’-अनुकृति गुसांईं रावत
एनसीपी न्यूज़। लैंसडौन। लैंसडौन विधान सभा से कांग्रेस प्रत्याशी अनुकृति गुसांई रावत ने क्षेत्र को विश्व मानचित्र पर उत्कृष्ट पर्यटन क्षेत्र के रूप में स्थापित करने के साथ ही इलाके के चहुंमुखी विकास के लिए मतदाताओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है।
गढ़वाल राइफल्स के मुख्यालय लैंसडौन में जन्मी और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न मंचों पर प्रतिनिधित्व करने वाली अनुकृति ने कहा है कि जीवन में कैरियर के तमाम अवसरों के बावजूद उनका सौभाग्य रहा कि अपनी माटी की ख़ुशबू और अपने गांव-गुठ्यार का लगाव, प्यार वापस उन्हें अपनों के बीच सेवा-भावना के उद्देश्य से खींच लाया।
उन्होंने लैंसडौन विधान सभा क्षेत्र की वीरता का इतिहास याद करते हुए कहा कि यहां वीरबाला तीलू रौतेली की शौर्य गाथाओं के गवाह अनेक स्थल शामिल हैं। मैं वीरांगना तीलू की थाती के साथ ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’, के मंतव्य को साकार करने आप सबके मध्य उपस्थित हुई हूँ।
हमारी विधानसभा क्षेत्र के चप्पे-चप्पे में पर्यटन की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। जरूरत है सिर्फ उन्हें सही अर्थों में धरातल पर उतारे जाने की।
अनुकृति ने कहा कि पर्यटन गतिविधियों को सैन्य नगरी लैंसडौन तक ही सीमित न रख, समूचे क्षेत्र में इनका विस्तारीकरण करना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा।
उन्होंने कहा कि मरचूला से नैनीडांडा, मैदावन, रथुवाढाब तक पर्यटन की गतिविधियों को विस्तार देकर कॉर्बेट पार्क तक आने वाले सैलानियों को यहां तक खींच लाने की दिशा में प्राथमिकता से कार्य किया जाएगा। इस क्रम में वन व वन्य जीव अधिनियम के नियम, कानूनों के तहत ही क्षेत्र से जिम कॉर्बेट व कालागढ़ टाइगर रिज़र्व के नए द्वार विधिवत रूप से खोले जाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने वन्य कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि जिम कॉर्बेट पार्क से सटे हुए नैनीडांडा और रिखणीखाल क्षेत्रों के तमाम गाँव अब तक वन व वन्य जीव कानूनों का दंश ही झेलते आए हैं, जबकि मेरा उद्देश्य होगा कि कुदरत की इस अनमोल धरोहर को ही प्रभावित गांवों के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों के रूप में ‘संजीवनी’ बनाया जाए। क्षेत्र की पैनो घाटी, गुजड़ू गढ़ी जैसी सुरम्य एवं ऐतिहासिक स्थलियों को पर्यटकों के स्वर्ग के रूप में विकसित करने के लिए भी विशेष कार्ययोजना बनाई जाएगी। पौराणिक ताड़केश्वर महादेव मंदिर आदि के जरिए क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन के अनेक द्वार भी खोले जाने की दिशा में प्रभावी प्रयास होंगे। पर्यटन गतिविधियों के जरिए क्षेत्र के प्रत्येक बेरोजगार युवा को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करना प्राथमिकता रहेगी।