मारा गया उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड विकास दुबे, गिरफ्तारी से एनकाउंटर तक, जानें सब कुछ
नई दिल्ली: कानपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार होने के बाद विकास दुबे को कानपुर लेकर आ रही यूपी एसटीएफ का वाहन कानपुर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसी वाहन में विकास दुबे भी सवार था। बताया जा रहा है कि वाहन पलटने के बाद विकास पुलिस कर्मियों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई जिसमें विकास दुबे की मौत हो गई।
जानें विकास दुबे की गिरफ्तारी से लेकर अबतक क्या हुआ?
- विकास दुबे को यूपी पुलिस हरियाणा और राजस्थान में तलाश रही थी, लेकिन वो मध्य प्रदेश के उज्जैन में मिला। गुरुवार सुबह करीब साढ़े सात बजे विकास दुबे महाकाल मंदिर पहुंचा, जहां उसने अंदर मंदिर के दर्शन किए
- इसी दौरान किसी दुकानदार ने विकास दुबे को पहचाना, जिसके बाद सुरक्षाकर्मी को सूचना दी गई। इसके बाद स्थानीय पुलिस को बुलाया गया
- पुलिस ने मंदिर से बाहर आने पर विकास दुबे से पूछताछ की, उसकी आईडी मांगी लेकिन वो नहीं दे पाया। विकास दुबे ने पुलिस के साथ बहस की
- इसी दौरान पुलिस ने उसे पकड़ लिया। जब गैंगस्टर को पुलिस ले जा रही थी, तब वो जोर जोर से चिल्ला रहा था कि मैं विकास दुबे हूं..कानपुर वाला
- गुरुवार शाम को विकास दुबे को मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश लाने की प्रक्रिया शुरू हुई। यूपी एसटीएफ की टीम उसे कानपुर लेकर रवाना हुई
- शुक्रवार सुबह STF के काफिले के एक्सीडेंट की खबर आई। इसी दौरान विकास दुबे भागने लगा और एनकाउंटर में मारा गया
विकास दुबे का अपराध जगत से गहरा नाता रहा है। राजनीति संरक्षण के कारण उसका अपराध फलता-फूलता रहा। अपने संरक्षण के लिए राजनीति का भी उसने चोला ओढ़ रखा था। इसके खिलाफ 60 अपराधिक मुकदमें दर्ज थे। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी था।
वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप था।