जानिए बजरंग दल के बारे में कुछ रोचक बातें, कैसे और कब हुई इसकी स्थापना, कार्य एवं विचारधारा
जानिए बजरंग दल के बारे में कुछ रोचक बातें एवं इसकी स्थापना दिवस एवं कार्य
इन झाँकियों को राम जानकी रथयात्रा के नाम से जाना जाता है जिसका उद्देश्य हिंदू समाज में साँस्कृतिक चेतना पैदा करना है। समाज के कुछ तबकों ने इसे हिंदू समर्थक आंदोलन के रूप में प्रचारित करना शुरु किया जिसके फलस्वरूप सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ। ऐसी परिस्थितियों में साधु-संतो ने युवाओं से इस झाँकी को निर्विघ्न रूप से जारी रखने का आहवान किया राम जानकी रथ यात्रा का अराजक तत्वों से रक्षा के लिए एक दल की स्थापना हुई जिसे बजरंग दल के नाम से जाना गया। वर्तमान में मध्यप्रदेश के सोहन सोलंकी बजरंग दल के राष्ट्रीय सयोंजक है।
बजरंग दल, क्या है एवं इसकी स्थापना कब हुई
जिसका बाद में पूरे भारत में विस्तार हुआ।
बजरंग दल का दावा है कि अभी इसके 2700000 सदस्य हैं जिनमें 2230000 कार्यकर्ता शामिल हैं।
बजरंग दल का कार्य एवं विचार धारा
हिंदू युवा शक्ति को समाज के प्रति संस्कारयुक्त सकारात्मक भूमिका की ओर प्रेरित करना भी बजरंग दल का मुख्य कार्य है ।
बजरंग दल देशभर मैं अपने कामो की वजह से अक्सर विवादों में रहता हैlबजरंग दल ने हाल ही में देश में अपना भर्ती अभियान चलाया था जिसमे देशभर से लगभग 38 लांख हिन्दू युवाओ ने बजरंग दल की सदस्यता ग्रहण की।
वर्तमान समय मे इतनी बड़ी संख्या में बजरंग दल में भर्ती की संख्या होना एक रोचक तथ्य है । कहा जाता है कि जब विहिप द्वारा देशभर में अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद को विवादित बताकर रामजानकी यात्राओं का आयोजन किया था एवम जब बाबरी मस्जिद को तोड़ा गया था तो उस समय अयोध्या में उपस्थित लोगों में 90 प्रतिशत लोग बजरंग दल के सक्रिय कार्यकर्ता थे जिन्होंने इस काम मे अपना अहम किरदार निभाया था।
बजरंग दल प्रतिवर्ष देश के विभिन स्थानों पर अपने कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देने के लिए शौर्य प्रशिक्षण वर्गो का आयोजन करता है जो हर बार विवादों के घेरे में आते है।
बजरंग दल के कार्यकर्ता कहते है की उनका हर काम राष्ट्र व धर्म के लिए होता है
जिसमे विवाद का कोई विषय नही है। जब आतंकियों द्वारा अमरनाथ यात्रा को बंद करा दिया गया था तो उस समय भी बजरंग दल के लाखों कार्यकर्ता मौत के साये के बीच अमरनाथ यात्रा करने कश्मीर पहुच गए थे।
बजरंग दल कहता है व भारत देश से लव जिहाद, गौ हत्या, व धर्मांतरण जैसी गतिविधियों को पूर्णत समाप्त कर ही चेन लेंगे उनका एकमात्र उद्देश्य भारत देश को पुनः विश्वगुरु बनाना है।
बजरंग दल अपने कार्य का विस्तार करने के लिए देशभर के मंदिरों में साप्ताहिक मिलन के कार्यक्रम के आयोजन भी करता है जिसमे बजरंग दल के कार्यकर्ता देव भक्ति के साथ साथ देशभक्ति भी करते है एवम हिन्दू समाज की सभी समस्याओं को दूर करने का प्रयत्न करते है।
युवाओ से संपर्क साधने के लिए बजरंग दल खेल प्रतियोगिता व अखाड़े भी संचालित करता है जिसमे व युवाओ को शारीरिक रूप से मज़बूत करने का कार्य करता है गोर देने वाली बात यह है कि बजरंग दल अपने किसी भी कार्यकर्ता या पदाधिकारी को किसी भी प्रकार का पहचान पत्र उपलब्ध नही कराता
एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 100 में से 50 लोग बजरंग दल या आरएसी से जुड़ना चाहते हैं क्योंकि उनका यह मानना है कि वह हमसे जुड़ कर अपने देश को आगे ले जाएंगे और अपने धर्म के प्रति अपना कर्तव्य निभाएंगे और यह कुछ हद तक सही भी है क्योंकि यह संघ परिवार अपने धर्म को कट्टरता से निभाने में पूरी तरह से सक्षम है इसमें काफी हद तक महिलाएं भी शामिल है जब एक सर्वे में युवाओं से पूछा गया तो उनका कहना था कि हमें बजरंग दल से जुड़ने में काफी खुशी होगी और हम अपने वैदिक सभ्यता को वापस ला सकेंगे और पश्चिमी सभ्यता का बहिष्कार करेंगे
बजरंग दल के सदस्यों का कहना है कि कि वह लव जिहाद जैसे दुष्कर्म से अपनी बहन बेटियों की रक्षा करेंगे और उन्हें इसके खिलाफ बोलने के लिए खड़ा करेंगे ताकि जब भी कभी लव जिहाद जैसा मामला आए तब हम एकजुट होकर उसका सामना कर सके सबसे आश्चर्यजनक तथ्य है कि दुनिया में कोई भी संगठन इतनी तेजी से नहीं फैला जितनी तेजी से आरएसएस और बजरंग दल फैले है
सर्वे के अनुसार भारत के मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात तेलंगाना, महाराष्ट्र ,दिल्ली और भी राज्य हैं जिनमें से सबसे ज्यादा लोग बजरंग दल व आर एस एस के कार्यकर्ताओं से जुड़े हैं
सीआईए द्वारा जारी वर्ल्ड फैक्ट बुक में विहिप और बजरंग दल को ‘राजनीतिक दवाब समूह’ की श्रेणी में शामिल किया गया हैl
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