विदेश मंत्री एस जयशंकार का राहुल गांधी पर पलटवार, प्वाइंट टू प्वांइट पूरी विदेश नीति समझाई

विदेश मंत्री एस जयशंकार का राहुल गांधी पर पलटवार,  प्वाइंट टू प्वांइट पूरी विदेश नीति समझाई Image Source : PTI

नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज ट्वीट कर मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए थे। उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया था। राहुल गांधी के इन सवालों का जवाब दिया है खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने। उन्होंने राहुल गांधी को प्वाइंट टू प्वाइट पूरी विदेश नीति समझाई है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट  में कहा कि अमेरिका, रूस, जापान जैसे देशों के साथ भारत के रिश्ते मजबूत हैं। इन देशों के साथ लगातार समिट और इनफॉर्मल मीटिंग्स होती रहती हैं। उन्होंने लिखा कि अफगानिस्तान में परियोजनाएं (सलमा डैम और संसद) पूरी हुई है, प्रशिक्षण बढ़ाया गया है। 

भूटान अब भारत में एक मजबूत सुरक्षा और विकास का भागीदार पाता है। अब 2013 के विपरीत, वे अपनी रसोई गैस के बारे में चिंता नहीं करते हैं।

विदेश मंत्री ने ये भी लिखा कि साल 2008 से 2014 की तुलना में साल 2014 से साल 2020 में बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए बजट 280 फीसदी बढ़ा है। सड़क निर्माण में 32%, पुल निर्माण में 99% और टनल निर्माण में 6 गुना तेजी आई है। राहुल गांधी को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ लैंड बाउंड्री विवाद सुलझा लिया गया है। बांग्लादेश के साथ रिश्ते सुधरे और मजबूत हुए हैं। आतंकवादियों के लिए बांग्लादेश अब सुरक्षित ठिकाना नहीं रहा है।

.@RahulGandhi hs questions on Foreign Policy. Here are some answers:

•Our major partn’ships are strongr & internat’l standng higher.Witness regular summits&informal meetngs wth #US #Russia #Europe & #Japan.India engages #China on more equal terms politically.

Ask the analysts. https://t.co/GPf17JWSac

— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020

आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को दावा किया कि भारत सरकार की विदेश नीति के ध्वस्त होने की स्थिति में आने और 

अर्थव्यवस्था की हालत खराब होने के कारण चीन सीमा पर हमारे खिलाफ आक्रामक हुआ। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मौजूदा समय में लगभग सभी पड़ोसी देशों के साथ भारत के रिश्ते खराब हैं और सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विपक्ष की ओर से दिए गए सुझावों को स्वीकार नहीं किया है।

कांग्रेस नेता ने एक वीडियो जारी कर एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव के ‘कारणों’ को लेकर अपनी बात रखी। 

उन्होंने सवाल किया, ‘‘आखिर चीन इसी समय आक्रामक क्यों हुआ? चीन ने एलएसी पर अतिक्रमण के लिए यही समय क्यों चुना? भारत में ऐसी क्या स्थिति है जिसने चीन को मौका दिया? इस समय में ऐसा विशेष क्या है जिससे चीन को यह विश्वास हुआ कि वह भारत के विरुद्ध दुस्साहस कर सकता है?’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘देश की रक्षा किसी एक बिंदु पर टिकी नहीं होती, बल्कि यह कार्य कई शक्तियों का संगम होता है। यह समायोजन कई प्रकार की व्यवस्थाओं का होता है। अतः देश की रक्षा विदेश संबंधों से होती है, इसकी रक्षा पड़ोसी राष्ट्रों से होती है, इसकी रक्षा अर्थव्यवस्था से होती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे विदेश संबंध विश्व के कई राष्ट्रों से बेहतर रहे हैं, हमारे रिश्ते अमेरिका से रहे हैं,मैं इसे रणनीतिक साझेदारी कहूंगा, जो काफी महत्वपूर्ण है। हमारे रिश्ते रूस से थे,हमारे संबंध यूरोपीय राष्ट्रों से थे, और ये सारे राष्ट्र हमारे सहयोगी थे।’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आज हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंध मतलबपरस्त हो गए है। अमेरिका से भी वर्तमान संबंध लेन-देन पर आधारित है। रूस से भी हमारा संबंध संकटग्रस्त हुआ है। यूरोपीय राष्ट्रों से भी हमारे संबंध मतलबपरस्त हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब हम पड़ोसी राष्ट्रों पर आते हैं नेपाल पहले हमारा करीबी दोस्त था, भूटान भी करीबी दोस्त था, श्रीलंका भी करीबी दोस्त था। पाकिस्तान को छोड़कर, सभी पड़ोसी देश भारत के साथ मिलकर कार्य करते थे और वे सभी पड़ोसी राष्ट्र सभी संदर्भ में भारत को अपना साझीदार मानते थे।’’

उनके मुताबिक, आज नेपाल हमसे नाराज एवं उग्र है, आप नेपाल जाएं एवं नेपाली नागरिकों से बात करें, जो हुआ, उससे वे काफी गुस्से में हैं, श्रीलंका ने तो चीन को बंदरगाह तक दे दिया, मालदीव भी परेशान है,भूटान भी परेशान है। इस प्रकार हमने अपने करीबी विदेशी साझेदारों से रिश्ते बिगाड़ लिए।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जिस आर्थिक समृद्धि की चर्चा भारत पूरे विश्व में गर्व करता था, वो पिछले 50 वर्षों के अपने निकृष्टतम दौर में है। ना स्पष्ट दिशा है ना दृष्टिकोण, अर्थात अर्थव्यवस्था का संपूर्ण विनाश! वर्षों में बेरोजगारी, अपने उच्चतम बिंदु पर है। आखिर हमारी मजबूती, अचानक हमारी कमजोरी कैसे बन गई?’’

राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘हमने सरकार से कहा, भगवान के लिए अर्थव्यवस्था में पैसा झोंकिए जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आ सके और यह तुरंत कीजिए, छोटे और मध्यम व्यापार को बचाइए। उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया इस प्रकार आज हमारा राष्ट्र आर्थिक रूप से संकट में है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘विदेश नीति भी ध्वस्त होने के दौर में है, पड़ोसियों से रिश्ते खराब है। इसी कारण से चीन ने यह निर्णय लिया कि संभवत: बेहतर समय है भारत के विरुद्ध कार्यवाही करने का । उसके आक्रमक होने का यही प्रमुख कारण है।’’

Ravikant Duklan (MA. MassCom )

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