ऐसे युद्ध जहां पर राफेल ने दुश्मन का किया सफाया, लादेन से लेकर लीबिया तक मनवा चुका है लोहा
फ्रांस में बना अत्याधुनिक लड़ाकू यान भारत पहुंचने ही वाला है। दुनिया के सबसे खतरनाक लड़ाकू विमानों में शुमार राफेल को भारतीय वायुसेना के लिए ब्रह्मास्त्र माना जा रहा है। पिछले एक दशक में यह घातक विमान कई बड़े ऑपरेशन में शामिल हो चुका है, फिर चाहे वह अफगानिस्तान में लादेन के लड़ाके हों या लीबिया में तानाशाह कर्नल गद्दाफी की फौजों का सफाया हो। राफेल दुश्मन खेमों में हाहाकार मचा चुका है। इसकी यही घातक और विध्वंसक मारक क्षमता अब भारतीय वायु सेना को मिलने जा रही है।
फ्रांस सहित दुनिया के कई देशों के बेड़े में शामिल राफेल इससे पहले अफगानिस्तान, लीबिया, माली, इराक और सीरिया में अपना खतरनाक रूप दिखा चुका है। इराक में राफेल ISIS के खिलाफ बेहद कारगर रहा है।
लादेन के आतंकियों को किया तबाह
आतंकी ओसामा बिन लादेन के खिलाफ नाटो सेनाओं के साथ फ्रांस की सेनाएं भी इस जंग में शामिल हो गई हैं। 2007 में फ्रांस ने अफगानिस्तान के आसमान राफेल को उतार दिया था। अफगानिस्तान में राफेल ने तालिबान का तत्कालीन सरगना मुल्ला उमर और लादेन के लड़ाकों को निशाना बनाया था। 10 मार्च 2007 को 3 राफेल लड़ाकू विमानों को तजाकिस्तान के दुसांबे में तैनात किया गया। राफेल ने 2007 से 2011 के बीच कई ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस दौरान विमान में लैस 30 MM बंदूकों, AASM/HAMMER हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों, लेजर गाइडेड बमों ने तालिबानी ठिकानों में जबर्दस्त तबाही मचाई।
लीबिया में कर्नल गद्दाफी की फौजों का बना काल
2011 में फ्रेंच एयर फोर्स और फ्रेंच नेवी के ऑपरेशन में राफेल लड़ाकू विमान ने लीबियाई शहर बेंगाजी और त्रिपोली पर हमला किया था। राफेल ने लीबियाई शासक कर्नल गद्दाफी की फौजों को काफी नुकसान पहुंचाया। हैमर और लेजर गाइडेड मिसाइल से हमला, स्कैल्प क्रूज मिसाइल से डीप स्ट्राइक, इंटेलिजेंस, सर्विलांस, टोही गतिविधियों में इस विमान की क्षमता बेमिसाल थी।
तुर्की के डिफेंस सिस्टम पर हमला
कुछ समय पहले राफेल विमानों ने लीबिया के अल-वाटिया एयरबेस में मौजूद तुर्की के ठिकानों को नष्ट कर दिया था। राफेल के विमान लीबियाई और तुर्की के रडार सिस्टम को चकमा देकर यहां पहुंचने में कामयाब रहे और ऑपरेशन अंजाम देकर सफलतापूर्वक लौट आए।
इराक में बेहद कामयाब
सितंबर 2014 में राफेल ने इराक पर टोही अभियान की शुरूआत की। फ्रांस ने यहां 9 राफेल विमान भेजे थे। संयुक्त अरब अमीरात से उड़ान भरकर राफेल ने अमेरिकी सेना के साथ ऑपरेशन शुरू किया। राफेल ने उत्तर इराक के शहर जुम्मार में भयानक बमवर्षा की और ISIS के एक लॉजिस्टिक सपोर्ट डिपो को तबाह कर दिया. इस हमले में दर्जनों ISIS आतंकी मारे गए।