हरियाली अमावस्या 2020: इतने सालों बाद बना खास संयोग, इस पूजा से दरिद्रता होगी दूर

 श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रुप में मनाया जाता है। इसे श्रावणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, जो कि आज 20 जुलाई को मनाई जा रही है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस बार की अमावस्या बेहद खास है। दरअसल, आज हरियाली और सोमवती अमावस्या का खास संयोग बन रहा है। इससे पहले यह खास संयोग साल 2000 में बना था, जब सोमवती और हरियाली अमावस्या एक साथ पड़ी थीं। वहीं अब यह संयोग 47 साल बाद बना है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

ऐसा माना जाता है कि हरियाली अमावस्या पर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से माता की कृपा बनी रहती है और वह अपनी भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी करती है। इस व्रत को रखने से कुंवारी महिलाओं को मनचाहा वर मिलता है। वहीं सुहागिन महिलाओं का सुहाग हमेशा सलामत बना रहता है। हरियाली अमावस्या का त्योहार पर्यावरण से भी जुड़ा है। यह त्योहार प्रकृति की पूजा और पौधारोपण के महत्व को बताता है। इस पेड़- पौधे की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं इसकी पूजा विधि के बारे में… 

दरिद्रता होगी दूर


हरियाली अमावस्या की रात घर में पूजा करें। इसके लिए पूजा की थाली में स्वास्तिक या ऊँ बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र रखें। इसके बाद विधिवत पूजा अर्चना करें। इससे आपके घर में लक्ष्मी का वास होगा और आपको सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी। इसके अलावा मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए शाम के समय घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं। 

पूजा विधि


– हरियाली अमावस्या वाले दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करें। 

– तुलसी के पौधे पर दीपक जलाएं। 

– ब्राह्माणों और जरूरतमंद लोगों को अपनी हिसाब से दान पुण्य करें। 

– इस दिन शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करने से कुंडली के कालसर्प दोष, पितृ दोष और शनि शनि के प्रकोप से राहत मिलती है।

– इस दिन नदी या तालाब के पास जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलानी चाहिए। 

– हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। उन्‍हें सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाना चाहिए। 

– अपने पितरों की शांति के लिए हवन आदि करवा सकते हैं। 

– पूजा की थाली में स्वस्तिक या ॐ बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र रखें। 

– हरियाली अमावस्या के दिन नए पौधे लगाकर उसकी देखभाल करने से अनंत पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

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Ravikant Duklan (MA. MassCom )

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