वैदिक आश्रम गुरुकुल महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के दूसरे दिन मंगलेश डंगवाल के गीतों ने बाँधा समा

वैदिक आश्रम गुरुकुल महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के दूसरे दिन मंगलेश डंगवाल के गीतों ने बाँधा समा

एनसीपी न्यूज़। कोटद्वार। कण्वाश्रम स्थित वैदिक आश्रम गुरुकुल महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के दूसरे दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिनमें मुख्य आकर्षण गुरुकुल के ब्रह्मचारी विद्यार्थियों द्वारा योग व ध्यान की प्रस्तुतियां रही।

कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्रमुख यशुपाल जयंत सरस्वती (भीम),  मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद डॉक्टर सतपाल सिंह, अनिल बंसल, धर्मेंद्र बलियान व जयशंकर अत्रेय द्वारा सयुंक्त रूप से की गई।

अपने संबोधन में यशुपाल जयंत सरस्वती (भीम) ने कहा कि कण्वाश्रम में जब वह आये थे तो उन्होंने यहां असीम शांति महसूस की थी। इसी शांति को देखते हुए उन्होंने यहाँ गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए इस महाविद्यालय की शुरुआत की थी। कहा कि वर्तमान में यहाँ की आध्यात्मिक शान्ति को भंग करने का प्रयास किया जा रहा है। असामाजिक तत्वों द्वारा इन इलाकों में आकर नशीले पदार्थों का सेवन व मांस भक्षण करके इलाके की आध्यात्मिक पवित्रता को खंडित किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि 5 किलोमीटर के दायरे तक मांस विक्रय पर पूरी तरह रोक लगनी चाहिए। साथ ही एक स्थायी पुलिस चौकी भी यहाँ स्थापित होनी चाहिए जिससे असमाजिक तत्वों पर रोक लगाई जा सके। इस आशय का मांगपत्र उन्होंने मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद डॉक्टर सतपाल सिंह को भी दिया।

अपने संबोधन में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद डॉक्टर सतपाल सिंह ने वर्तमान में इस तरह के गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाने वाले महाविद्यालयों की आवश्यकता पर बल दिया। कहा कि यदि देश को आगे बढ़ना है तो उसे अपनी संस्कृति की ओर लौटना ही होगा। उन्होंने कहा कि यदि हमें अपने मूल को बचाना है तो हमें फिर से वेंदो की ओर लौटना होगा। उन्होंने मांग पत्र पर सकारात्मक कार्यवाही का भी भरोसा दिया।

इसके बाद मशहूर लोक गायक मंगलेश डंगवाल ने अपने भजनों व जागरों की मनमोहक प्रस्तुति दी जिसने उपस्थित जनसमूह को मंत्र मुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम के अंत में गुरुकुल के ब्रह्मचारी विद्यार्थियों ने योग व ध्यान की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं जिसको देखकर उपस्थित जनसमूह मंत्र मुग्ध हो गया। 

 

Ravikant Duklan (MA. MassCom )

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