कोटद्वार रेंज कार्यालय ने 45 टैक्टर ट्रॉलियों में जमवाई घास

कोटद्वार रेंज कार्यालय ने 45 टैक्टर ट्रॉलियों में जमवाई घास

एनसीपी न्यूज़। कोटद्वार। जब देहात में दो लोगों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो जाती थी तो वो धमकी भरे अंदाज़ में कहते थे ‘गाड़ी में घास जमवा देंगे’ इस कहावत की अगर बानगी देखनी हो तो आपको एक बार कोटद्वार रेंज कार्यालय के परिसर में आना होगा जहां अभी भी करीबन 45 के लगभग टैक्टर ट्रॉली खड़ी हैं जिनमे अब घास जम चुकी है।

इस घास को जमाने में कोटद्वार रेंज के रेंज अधिकारी अजय कुमार ध्यानी की पिछले एक वर्ष की कड़ी मेहनत, लगन व ईमानदारी है। जब पिछले वर्ष 7 जुलाई 2022 को अजय कुमार ध्यानी ने कोटद्वार रेंज का प्रभार ग्रहण किया था तो उस समय कोटद्वार की नदियों में अवैध खनन के हालात बहुत बत्तर हो चुके थे। जिस किसी को देखो उसने टैक्टर खरीद कर अवैध खनन का रोजगार चला रखा था। कोटद्वार की सड़कें बदहाल हो चुकी थी सड़कों में जहां देखो वहां पत्थर व रेत गिरा हुआ दिखाई देता था जिससे राहगीरों का चलना दूभर हो गया था। 

पूरी स्थिति का अध्ययन करने के बाद रेंजर ध्यानी ने सख्ती दिखाते हुए कोटद्वार की मालन, सुखरो व खो नदियों में ताबड़तोड़ छापे मारे की जिसका परिणाम रहा कि 6 महीने के अंदर उन्होंने 100 से अधिक टैक्टर ट्रॉलियों को सीज कर उन्हें कोटद्वार रेंज में लाकर खड़ा कर दिया। इस कार्रवाई से न केवल वन विभाग को लाखों का राजस्व प्राप्त हुआ बल्कि नदियों के सीने को चीरने से भी बचाया जा सका।

अजय कुमार बताते हैं इस सबको को करने में उनको चुनौतियाँ भी मिली। पहली चुनौती उनके सामने विभागीय कर्मियों की विश्वसनीयता को लेकर थी दूसरी चुनौती राजनीतिक माहौल की थी। वह बताते हैं कि जब सख्ती बहुत ज्यादा हो गयी तो 21 नवंबर 2022 को अवैध खननकारी राजनीतिक सरंक्षण के सहारे रेंज कार्यालय का घेराव करने भी आये। लेकिन उन्होंने उनकी एक न सुनी और एक के बाद एक टैक्टर ट्रॉलियों को सीज करना जारी रखा। उनकी इस कार्यशैली को देखते हुए गणतंत्र दिवस पर वन मुख्यालय देहरादून में प्रमुख वन सरंक्षक द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया। 

एनसीपी न्यूज़ से बातचीत में रेंजर ध्यानी मज़ाकिया अंदाज़ में कहते हैं कि कोटद्वार रेंज ने कहावत में नही बल्कि हकीकत में टैक्टर ट्रॉली में घास जमवा दी।

इस पूरी प्रक्रिया में उनका साथ दिया डिप्टी रेंजर अखिलेश रावत, फोरेस्टर राहुल चमोली, भूपेंद्र, सुदेश भारती आदि ने।

 

Ravikant Duklan (MA. MassCom )

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