कोटद्वार-भाबर क्षेत्र में हाथियों द्वारा किसानों की फसलों को हो रहे नुकसान पर पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने की वन मंत्री सुबोध उनियाल से वार्ता

एनसीपी न्यूज़। कोटद्वार। कोटद्वार भाबर क्षेत्र में हाथियों द्वारा किसानों की खड़ी फसलों को लगातार नुकसान पहुंचाए जाने की समस्या को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने गहरी चिंता व्यक्त की और उत्तराखंड सरकार के वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल जी से टेलीफोनिक वार्ता कर तत्काल समाधान की मांग की।
नेगी ने बताया कि 2002 में जब उन्हें कोटद्वार भाबर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला, तो उन्होंने पूरे क्षेत्र को *सोलर फेंसिंग* से आच्छादित कराया था। इस प्रयास से लालपानी, रामपुर-सनेह, सिखड्डी, झंडीचौड़, मोटाढांग, खूनीबड़, नंदपुर, कलालघाटी, सत्तीचौड़, शिवपुर आदि इलाकों में हाथियों को रोकने में सफलता मिली थी, जिससे किसानों की फसलें सुरक्षित रहीं।
हालांकि, 2010-11-12 के दौरान सोलर फेंसिंग का उचित रखरखाव नहीं होने के कारण यह क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे वन्यजीवों, विशेषकर हाथियों, का क्षेत्र में आना फिर से शुरू हो गया। 2012 में जब उन्हें पुनः कोटद्वार भाबर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला, तो उन्होंने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए *हाथी सुरक्षा दीवारों* का निर्माण कराया। इस दीवार के निर्माण से हाथियों को कृषि भूमि में प्रवेश करने से रोका गया और किसानों को एक बार फिर राहत मिली। साथ ही, श्री नेगी जी ने वन्यजीवों से सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग मोबाइल वैन की व्यवस्था भी कराई थी, जिससे वन विभाग को हाथियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने में सहायता मिली।
अब पिछले कुछ वर्षों से इन हाथी सुरक्षा दीवारों के उचित रखरखाव की कमी और प्रशासन की अनदेखी के कारण यह दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बरसात के दौरान पहाड़ों से आए मलबे ने इनकी ऊंचाई को कम कर दिया, जिससे हाथियों ने फिर से किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया।
नेगी ने वन मंत्री से मांग की कि डीएफओ, लैंसडाउन को निर्देशित किया जाए कि वह हाथियों को रोकने के लिए एक नया प्रोजेक्ट तैयार कर शासन को भेजें, जिससे शासन स्तर पर हाथी सुरक्षा दीवारों को बनाए रखने और हाथियों को किसानों की खड़ी फसलों से दूर रखने की प्रभावी व्यवस्था हो सके। इसके लिए गैस गन लगाकर पेट्रोलिंग, फायरिंग की व्यवस्था, मोबाइल वैन की सहायता, हाथी सुरक्षा दीवारों की शीघ्र मरम्मत और पहाड़ों से दीवारों पर गिरे मलबे को हटाने की व्यवस्था की जाए।
नेगी ने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि इस गंभीर समस्या को समय रहते चुने हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा वन मंत्री जी को अवगत कराया गया होता, तो शायद इसका समाधान पहले ही निकल जाता और किसानों को यह नुकसान न उठाना पड़ता। उन्होंने वन मंत्री से आग्रह किया कि अब देरी न करते हुए तत्काल समाधान सुनिश्चित किया जाए।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने नेगी को तुरंत आश्वासन दिया कि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई की जाएगी और किसानों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। * नेगी ने कहा कि यदि प्रशासन इस विषय को गंभीरता से नहीं लेता, तो हजारों किसानों की मेहनत पर पानी फिर सकता है और उनकी आजीविका पर संकट आ सकता है*।