कई सवालों का जवाब मिले बिना, अंकिता का हुआ अंतिम संस्कार
एनसीपी न्यूज़। भारी जन आक्रोश के बीच श्रीनगर के एनएआईटी घाट पर अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंकिता के पिता की अपील के बाद आक्रोशित लोगों का गुस्सा शांत हुआ। फिर लोग भी अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गए । अंकिता के भाई ने मुखाग्नि दी। इससे पूर्व प्रशासन को जनता का भारी विरोध झेलना पड़ा ऋषिकेश एम्स से लेकर श्रीनगर तक की मोर्चरी तक लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का कहना था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले अंतिम संस्कार किया जाना सबूतों के साथ छेड़छाड़ करना है। आक्रोशित लोगों ने ऋषिकेश एम्स में शव उठाने से पहले प्रशासन से मांग की कि वह अंकिता के परिजनों को एक करोड़ रुपए व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे इसके बाद ही शव को ले जाने दिया जाएगा। श्रीनगर में विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि प्रशासन अंकिता के पिता पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है कि वह शव का अंतिम संस्कार करें जो कि अनुचित है। आखिरकार जब मामला शांत नहीं हुआ तो अंकिता के पिता ने आक्रोशित लोगों से अपील करी कि वह अंकिता का अंतिम संस्कार करने दे। तब जाकर आक्रोशित लोग शांत होकर अंतिम संस्कार में शामिल हुए। अब सवाल यह उठता है कि जब पूरी प्रशासनिक मशीनरी ऋषिकेश एम्स में मौजूद थी तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों नहीं मिल पाई, दूसरा आरोपी के रिसोर्ट में किसने बुलडोजर चलाया और क्यों, क्योंकि जिलाधिकारी ने इस बात की पुष्टि कर दी थी कि प्रशासन ने बुलडोजर चलाने की अनुमति नहीं दी थी। देवभूमि में यह घटना न सिर्फ शर्मसार करने वाली है, बल्कि देवभूमि की पहचान पर एक बदनुमा दाग है जिसको मिटाने का प्रयास शासन और प्रशासन को संवेदनशीलता के साथ करना चाहिए।