प्रदेश के पलायन में पौड़ी जिले का 6.8 प्रतिशत योगदान

प्रदेश के पलायन में पौड़ी जिले का 6.8 प्रतिशत योगदान

एनसीपी न्यूज़। कोटद्वार। मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना से आच्छादित 91 ग्राम/तोक/मजरो में जनसांख्यिकीय एवं मूलभूत सुविधाओं के सर्वेक्षण को लेकर जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने जिला कार्यालय सभागार में अधिकारियों की बैठक ली। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 50 प्रतिशत से अधिक पलायन कर चुके जनपद के 91 गांवों में जाकर पलायन के कारण का सर्वेक्षण कार्य ईमानदारी के साथ पूरा करें।

बुधवार को आयोजित मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम आयोग की बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सर्वेक्षण फार्म में पलायन के पीछे के मनोवैज्ञानिक पहलूओं को अनिवार्य रुप से दर्ज करें। जिलाधिकारी ने कहा कि पालयन एक गम्भीर विषय है जो कि आगे चलकर पहाड़ के भविष्य को तय करेगा इसलिए पलायन से सम्बन्धित सर्वेक्षण कार्यो में अधिकारी अपने विवेक व तकनिकी दक्षता का पूरी क्षमता के साथ उपयोग कर रिर्पोट तैयार करें। उन्होने जिला विकास अधिकारी को मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना से आच्छादित 91 गावों की मैपिंग करवाने के निर्देश दिये हैं।

बैठक में पलायन रोकथाम आयोग के सदस्यों द्वारा बताया गया कि प्रदेश के पलायन सम्बन्धि आंकड़ों में जनपद पौड़ी का 6.8 प्रतिशत योगदान है। कहा कि पलायन के इस आंकड़े में 25 से 35 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की संख्या सर्वाधिक है। उन्होने बताया कि जनपद में एक हजार लोगो में से 344 लोग पलायन कर रहे है। जबकि आयोग के गठन के बात स्थायी पलायन को 05 प्रतिशत तक रुका है।

बैठक में डीडीओ पुष्पेन्द्र चौहान, मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चन्द्र, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राम सलोने, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेन्द्र चौधरी, डीपीआरओ जितेन्द्र कुमार, जिला सेवायोजन अधिकारी ममता चौहान, अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

Ravikant Duklan (MA. MassCom )

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