केएमसी इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने बिना कारण बताए 10 कर्मचारियों को निकाला बाहर

एनसीपी न्यूज़। कोटद्वार। सिडकुल स्थित केएमसी इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन पर उनको बिना वेतन, ग्रेच्युटी व अन्य देयकों के नौकरी से निकाले जाने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी को भेजे ज्ञापन में 10 कर्मियों ने बताया कि कंपनी प्रबंधक द्वारा उनके साथ अभद्र व अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया साथ ही उन पर चोरी का इल्जाम लगाते हुए उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। कर्मियों ने बताया कि निकाले जाने से पहले 3 महीने का नोटिस दिया जाता है कंपनी द्वारा ना तो उनको कोई नोटिस दिया गया और ना ही उनके बकाया भुगतान का निस्तारण किया गया। निकाले गए कर्मियों ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि अब वह कहीं भी नौकरी करने जा रहे हैं तो उनके बारे में कंपनी प्रबंधन ने इस तरह का प्रचार- प्रसार कर दिया है कि उन्हें अन्य जगह भी नौकरी नहीं मिल पा रही है ऐसे में वह जाएं तो जाएं कहा।
इससे पहले भी कंपनी पर अनियमिताओं के आरोप लगते रहें हैं 8 अगस्त 2022 को जब उपश्रम आयुक्त कार्यालय हरिद्वार द्वारा कंपनी का निरीक्षण किया तो कर्मचारियों के बोनस, ग्रेच्युटी व मिनिमम वेतनमान से संबंधित कई खामियां पाई गई। जिनको लेकर कंपनी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया लेकिन कंपनी द्वारा कोई स्पष्टीकरण विभाग को अब तक नहीं दिया गया। कंपनी के वर्तमान कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर आरोप लगाया है कि कंपनी द्वारा मार्च से उनको कैश में सैलरी दी जा रही है, जबकि कैश में सैलरी देने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। ज्ञापन भेजने वालों में दिनेश पंत, राहुल राजपूत, अंकित बेलवाल, प्रवीन बलोदी, त्रिलोक पांडे, सोनू सिंह, नवीन पांडे, पूरन बिष्ट, हिमांशु दुमका व राकेश माधवन शामिल हैं। वहीं पूरे मामले पर कंपनी के एचआर शिव देव चौधरी का कहना है कि प्रबंधन की ओर से यह कहा गया है कि अभी कंपनी की स्थिति ठीक नहीं है जब स्थिति ठीक हो जाएगी तो वह उक्त कर्मचारियों का भुगतान कर देंगे। वहीं कंपनी के मालिक विनीत कुमार गुप्ता से जब संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फ़ोन नही उठाया।