नौकरों/किरायदारों का सत्यापन ना कराने वाले 48 मकान मालिकों पर पौड़ी पुलिस ने कुल 4.8 लाख का लगाया जुर्माना

नौकरों/किरायदारों का सत्यापन ना कराने वाले 48 मकान मालिकों पर पौड़ी पुलिस ने कुल 4.8 लाख का लगाया जुर्माना

एनसीपी न्यूज़। कोटद्वार। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने, शान्ति एवं कानून व्यवस्था के दृष्टिगत बाहरी राज्यों से जनपद में कार्यरत एवं निवास करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करने, संदिग्ध रूप से घूम रहे व्यक्तियों एवं बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन करने हेतु समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है।

जिसके क्रम में रविवार को जनपद के समस्त थाना प्रभारियों द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रों में वृहद स्तर पर सत्यापन अभियान की कार्यवाही की गयी। इस सत्यापन अभियान के दौरान पुलिस टीम द्वारा मकान मालिकों को किराएदारों का सत्यापन करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है इसके बाद भी जिन मकान मालिक या भवन स्वामी द्वारा अपने किरायेदार,नौकर आदि का सत्यापन नहीं कराया है उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जा रही है।

इसी क्रम में कोटद्वार पुलिस द्वारा थाना क्षेत्रान्तर्गत लकड़ी पड़ाव, झूला बस्ती, कलालघाटी आदि और श्रीनगर पुलिस टीम द्वारा श्रीकोट, डांग,मिस्त्री मोहल्ला, बिल्केदार आदि क्षेत्रो में वृहद्द स्तर पर सत्यापन अभियान चलाया गया। इस दौरान पुलिस द्वारा मकानमालिकों/दुकानदारों/प्रतिष्ठानों पर बाहरी व्यक्तियों को बिना सत्यापन के रखने वाले कोटद्वार में 36 और श्रीनगर में 12 ( कुल 48)मकान मालिकों व दुकान/प्रतिष्ठान स्वामियों के विरूद्ध उत्तराखण्ड पुलिस अधिनियम धारा- 83 पुलिस एक्ट के तहत चालानी कार्यवाही की गई। जिसके तहत प्रत्येक मकान मालिक से 10-10 हजार रूपये का चालान कर कुल 4,80,000/- रूपये चालान की धनराशि को माननीय न्यायालय को प्रेषित किए गया और 300 से अधिक व्यक्तियों के सत्यापन किए गए।

पौड़ी पुलिस द्वारा मकानमालिकों, प्रतिष्ठानों, होटल एवं ढाबा संचालको से आग्रह किया कि वह अपने-अपने किरायेदारों, नौकरों का शत प्रतिशत सत्यापन अवश्य कराये। बिना सत्यापन कराये किसी भी बाहरी व्यक्ति को कमरा किराये पर न दे। पौड़ी पुलिस का इसी प्रकार से सत्यापन अभियान निरन्तर जारी रहेगा, सत्यापन न कराने वाले मकान मालिकों, ढावा, होटल संचालकों के विरुद्व उत्तराखण्ड पुलिस अधिनियम के अन्तर्गत चालानी कार्यवाही की जायेगी।

Ravikant Duklan (MA. MassCom )

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